Sunday, June 15, 2025

----- || राग-रंग 40 || -----,

 l| राग दरबार ll

कहो प्रेम से राम राम जी,
जा रहा है ये समय बितता l काल आए नहि किसी को बता ll पलक हो कि छन पहर हो कि दिन l  सब घड़ी लो प्रभु का नाम जी ll हो उपकृत सत्य के साथ से l हो सुकृत्य नित्य ही हाथ से ll राम का नाम रहे अधर पर l नहि और कोइ रहे नाम जी ll प्रभु वंदना नित करते चलो l दुखि जग की वेदना हरते चलो ll करके पुण्य का काम एक फिर l करो दूसरा कोइ काम जी ll नाम राम का जपे मरण में lरहे सदैव मन हरि मगन में करो शरण उन प्रभु की जिनके  l चरण में हैँ चारों धाम जी |
| दुख हो कि सुख हो धन संपदा  lकष्ट व्यथा विपदा में सदा ll
रहो मगन में करो हरि भजन l एक पल भी हो ना  विश्राम जी ll

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