Thursday, June 26, 2025

----- || राग-रंग 51 || -----,

----- || राग - हिंडोल || -----

पेड़ पेड़ परि चलै फुदकती |

डार डार धरे चरन गौरैया||

देअ सुरुज सिरु घाउँ तपावै आवत छत छाजन गौरैया |

पिबत पयस पुनि दरस कसौरे खावै चुग चुग कन गौरैया ||

बैस बहुरि पवन हिंडौरे पँख पसारे गगन गौरैया |

चरत बीथि बिलखत अमराईं पूछत मालीगन गौरया ||

मधुर मधुर पुनि अमिया खावै गावत मधुर भजन गौरैया |

डगर डगर सब गाँव नगर रे बिहरै सब उपबन गौरैया ||

भरी भोर ते घोर दुपहरी रहै प्रमुदित मन गौरैया|

साँझ सेंदुरि ढरकत जावै फिरै नसत बिनु छन गौरैया ||

 

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