जगमग दीप जले मंदिर में,
कासै कंचन कलस कंगुरे l चौंक पुरावत सजै गोपुरे ll
रतिकर सुन्दर साँझ सैंदुरी lप्रबसत चरन ढले मंदिर में ll
करत नाद मुख संखअपूरे l खनकत खंखन झांझ नूपुरे ll
पनब पखावज ढोल मजीरे l बाजत संग मिले मंदिर में ll
पहिर पीत पट पुरट पटोरे l भर भूषन बर दुहु कर जोरे ll
पुरपुर पथपथ गलीगली ते l प्रमुदित भगत चलेमंदिर में ll
गंध पुष्प जल मंगल मौली I अछत कर्पूर चंदन रौली II
जोए मंजुल आरती बंदन l करत थाल कर ले मंदिर में ll
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