रोला : -
नैन गगन दै गोरि काल घटा घन घोर रे |
बैस पवन खटौले चली कहौ किस ओर रे ||
दोहा : -
नैन गगन दे के गोरि काल घटा घन घोर |
बैस पवन करि पालकी चली कहौ किस ओर ||
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