Thursday, November 15, 2018

----- || राग-रंग १० | -----,

   ----- || राग-भैरवी || -----

सोहत सिंदूरि चंदा जूँ रैन गगन काल पे..,
लाल लाल चमके रे बिंदिआ तुहरे भाल पे..,

कंगन कलाई कर पियतम संग डोलते..,
पाँव परे नूपुर सों छनन छनन बोलते..,
छत छत फिरत काहे  दीप गहे थाल पे..,
जब लाल लाल चमके रे बिंदिया तुहरे भाल पे..,

चरत डगरी रोकि रोकि बूझत ए बैन कहे.., 
बिरुझे मोरे नैन सहुँ काहे तुहरे नैन कहे ..,
देइ के पट पाटली भुज सेखर बिसाल पे..,
लाल लाल चमके रे बिंदिया तुहरे भाल पे..,

गुम्फित छदम मुक्ता हीर मनि बल के रे..,
करत छल छंद बहु छन छब सी झलके रे.., 
रिझियो ना भीति केरी मनियारि जाल पे.., 
लाल लाल चमके रे बिंदिया तुहरे भाल पे.....

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