-----|| राग मालकौंस || -----
("भोले नाथ से निराला कोई और नहीं" के भजन की लय पर आधारित )
सिय राम बिबाहु के जूँ जगे नैन अभिलाष |
दसरथ जी लायें चिठियाँ, हम कर जोर खड़े |
घेरे हमको ये पहरी चारोँ ओर खड़े ||
याकीँ पतियाँ रंग बिरंगी जामें सतरंगी धारी |
हरि चन्दन मृग कस्तूरी की सौंधि सौगन्धि घारी ||
गंधेउ गज की गंधिरी औरु भाँवरे पाछे पड़े.....
याकीँ पतियाँ खिलीं कौंपलें कौसुम कली की क्यारी |
लता मंडप एक कुञ्ज गली जहँ फूल रही फुलबारी
याकीँ पतियाँ है सुन्हरिआँ गढ़ी बँधीं सौं हारी |
चंदा तारी धरे कगारी गढ़ियाई जिन सुनिआरी ||
चुग चुग जोग जड़ाऊ जी हीरे मोतिआँ जड़े.....
याकीँ पतियाँ खोल भरीँ चकि चाकौरी चितकारी |
किरिंच किरन को साँठि करी फिर गाँठि परी रसियारी ||
पद पद छंद ते छनके कनके कनी के झड़ें....
याकीं पतियाँ बाँधी नूपुर अरु रुनुरु झुनुरु झनकारी |
पेखत साँचे माल मनीचे अति मनभावन मनियारी ||
तीरछे ताकते पाछे जी चातुर चोर पड़े....
मनमोहन ल्याएं चिठियाँ हम कर जोर खड़े.....
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