Monday, December 31, 2018

----- || राग-रंग २० | -----,

मैं साँस पिय तुम हरिदय मैं आतम तुम देह |
तुम मोहन मैं राधिका सो तो साँच सनेह || १ ||

तुम अधर मैं बाँसुरिया में सुर तुम संगीत |
तुम गीत मैं मधुर तान सो तो साँचिहि प्रीत || २ ||

तुम नरतन में नर्तिका  मैं रागिनि तुम राग |
मैं वाद तुम वादबृंद सो साँचा अनुराग || ३ ||

तुम माथ मैं मोरमुकुट मैँ माला तुम हेम |
तुम करधन मैं कंकनी  सो तो साँचा पेम || ४ ||

जो मैं कंचन कामिनी तो तुम रूप सिंगार |
मैं मन मुकुर अरु तुम छबि साँचा सोइ प्यार || ५ ||

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देके हंसी पैगाम  सुबह ने लिखी शाम |
गुंचों ने खुशबू लिखी मस्त हवा के नाम ||

पेशाँ पे देके सियाह  ज़ुल्फ़ों का हिज़ाब |
चाँद को नूरे-चश्म 

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