------ || आम का अचार || ------
ले लो ले लो बाबुजी काचे काचे आम |
भरी बाँस की टोकरी दोइ टका हसि दाम ||
साक पात फल कंद लिए बैसे बाट किनार |
हाट लगाए तुला धरे हाँक देइ हटबार ||
कोउ सरौता कर गहे ऊँचे रहैं पुकार |
कटे आम त अचार है न तरु होत बेकार ||
हरदि लौन लगाई के फाँका दियो सुखाए |
सत कुसुमा तिछनक संग मेथी दएँ मेलाएँ ||
बहुरि तिछ्नक तैल संग मेलत सबहीं फाँक |
काँचक केरे भाँड में भरिके राखौ ढाँक ||
शतकुसुमा = सौंफ
तीक्ष्णक = पीली सरसौं
काँचक केरे भाँड = काँच का भाजन
----- || राग-ललित || -----
ज्वाल ज्वाल भए दिनकर मुख दरपत दहुँ दिसि दरस रहे |
जारन जिउजन किरन कर छन छन जुआला कन बरस रहे ||
कररत करषि भू त करषक करष करालिक कर गहे |
दहे दव दहे भव त दली नव दवनहि केसवाजुध लहे ||
ले लो ले लो बाबुजी काचे काचे आम |
भरी बाँस की टोकरी दोइ टका हसि दाम ||
साक पात फल कंद लिए बैसे बाट किनार |
हाट लगाए तुला धरे हाँक देइ हटबार ||
कोउ सरौता कर गहे ऊँचे रहैं पुकार |
कटे आम त अचार है न तरु होत बेकार ||
हरदि लौन लगाई के फाँका दियो सुखाए |
सत कुसुमा तिछनक संग मेथी दएँ मेलाएँ ||
बहुरि तिछ्नक तैल संग मेलत सबहीं फाँक |
काँचक केरे भाँड में भरिके राखौ ढाँक ||
शतकुसुमा = सौंफ
तीक्ष्णक = पीली सरसौं
काँचक केरे भाँड = काँच का भाजन
----- || राग-ललित || -----
ज्वाल ज्वाल भए दिनकर मुख दरपत दहुँ दिसि दरस रहे |
जारन जिउजन किरन कर छन छन जुआला कन बरस रहे ||
कररत करषि भू त करषक करष करालिक कर गहे |
दहे दव दहे भव त दली नव दवनहि केसवाजुध लहे ||
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