------ || राग-यमन || -----
देखु सिआ ए साँझि सेंदूरी | रुनझुन नुपूर चरन अपूरी ||
उतरि घटा ते धीरहि धीरे | चरत जहँ तहँ उठै रँग धूरी ||
कबहुँक आनि पुरट घट लेई | करसेउ रहट मुख पट देई ||
कबहुँ पनघट परि लट बिथुराए | बिहरत बावरि सुध बुध भूरी ||
कर कल कंकन कानन बूंदे | दरसत दरपन पलकनि मूंदे
माथ परि हिरन कनिका | हंसक देइ अँगूरी ||
निर्झरनि जर मुकुत बखेरे | गह गह आँचर माहि सकेरे ||
बैसत बहुरि पवन करि डोला | बरखावत अह गहे अँजूरी ||
धरत मनोहर दीप दुआरा | करिअति सबु देहर उजियारा ||
आगत रैनि दरस नभ चंदा | लेइ बिदा पिय गेह बहूरी ||
देखु सिआ ए साँझि सेंदूरी | रुनझुन नुपूर चरन अपूरी ||
उतरि घटा ते धीरहि धीरे | चरत जहँ तहँ उठै रँग धूरी ||
कबहुँक आनि पुरट घट लेई | करसेउ रहट मुख पट देई ||
कबहुँ पनघट परि लट बिथुराए | बिहरत बावरि सुध बुध भूरी ||
कर कल कंकन कानन बूंदे | दरसत दरपन पलकनि मूंदे
माथ परि हिरन कनिका | हंसक देइ अँगूरी ||
निर्झरनि जर मुकुत बखेरे | गह गह आँचर माहि सकेरे ||
बैसत बहुरि पवन करि डोला | बरखावत अह गहे अँजूरी ||
धरत मनोहर दीप दुआरा | करिअति सबु देहर उजियारा ||
आगत रैनि दरस नभ चंदा | लेइ बिदा पिय गेह बहूरी ||
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